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Wednesday, October 4, 2023

तेरे संग साथ!

तेरे संग साथ!

ओह !   तुम  ही  हां,  सब जमाए हो,
सब जाने, अपने हाथो, सब लाए हो !

तुम  खुश कभी, रह  भी पाते हो ,
अकेले अकेले कभी, थक ना जाते हो?

सिर्फ अपनी करे जाना, और बात है, 
संग साथ लेकर चलाना, और बात है,

कैसे हो सकती , ये एक  समान है,
हमेशा ही मनवाना, कहां की  शान है?

राग अलाप, खुद मगन हुए जाते हो ,
हम  भी नाचे, इतना क्यों इतराते हो !

मान ही जाएंगें ,खुद पर इतना एतबार?
क्यों चले तेरा, कायदा कानून हर बार? 

पगले वो , जो संग मरे जा रहे ?
हां में हां मिला, बलवा मचा रहे !

पसंदीदा चुन चुन , संग संग जमा रहें  !
दशकों किया इंतजाम, अब ईनाम पा रहें !

 उन्हे देख उन्ही सा हाल ,हो चाहते,
 शुरू हो भी पाए वैसा , कर पाते,

तर्क में , हां,  कुछ गलत बिठाए हो !
संग में ,अकेले ,जीने चले आए हो !

तुम्हारी आंखों में , क्यों पट्टी बंधी है?
राह सामने खड़ी ,पांव बेड़ी पड़ी है?

आज़माइश कि ये, शायद अन्तिम कड़ी है?
राहें  रुकती नहीं,  मंजिलों पर बढ़ी हैं !

समय की धार को, मुट्ठी में मोड़ना ,गलत,
किसी की हसरतों ,को यों तोड़ना ,गलत, 

अपने फैसलों पर, मूंह यों मोड़ना , गलत,
गलतियों पर गलतियां, यों जोड़ना, गलत,

इतनी गलतियां हुजूर,कोई क्यों ही निभाएं?
इतना ही नहीं ,चाहते उस पर मुस्काएं,

अपना काट कालेजा तुम ,पत्थर भरें हो!
उम्मीद हमसे भी , ये  ही करें हों, 

काट कालेजा, हां , पत्थर ही भरें हो!
काहे अड़े हो ? जनाब , काहे अड़े हो?

"सरोज"

 

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