लाल लेखनी लिखे, लो , काल के कपाल कल ।
आज धरा को चीर कर, बीज बोना होके सबल ।
खूं में तैरता तेरे, पूरा उबाल होना चाहिए।
उच्छले किस्मताई सिकका, जब जोश जड़ा होश पूरा होना चाहिए ।
' सरोज '
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Thursday, January 12, 2023
विजयी भव!
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