Translate

Showing posts with label अंतर्नाद. Show all posts
Showing posts with label अंतर्नाद. Show all posts

Tuesday, January 17, 2023

अंतर्नाद

बदस्तूर बाहर बहुत सन्नाटा किन्तु सनसनी  अन्तर्मन्  शोर मचाएगी ।
कोई कितने कतरने पंख आए , हदें हौसलों  की  खुद ब खुद  खुल जाएंगी ।
दाव पेच  कितने लगा ले, कोई  कठपुतलियां कितनी नचा ले।
सबका सिद्ध समय की कसौटी,  कच्चा चिट्ठा कर जाएगी ।

                                      'सरोज' 

FEATURED POST

लड़खड़ाते से कदम